Humsafar Shayari
आगे सफर था और पीछे हमसफर था…. रूकते तो सफर छूट जाता और चलते तो हम सफर छूट जाता… मंजिल की भी हसरत थी और उनसे भी मोहब्बत थी.. ए दिल तू ही बता…...
आगे सफर था और पीछे हमसफर था…. रूकते तो सफर छूट जाता और चलते तो हम सफर छूट जाता… मंजिल की भी हसरत थी और उनसे भी मोहब्बत थी.. ए दिल तू ही बता…...